स्वछता ही सेवा

 

    सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से जन आंदोलन उत्पन्न करने के उद्देश्य से श्रमदान गतिविधियों को शुरू करने के लिए इस वर्ष 15 सितंबर से 2 अक्टूबर स्वच्छता ही सेवा अभियान मनाया गया  संपूर्ण स्वच्छ गांव के महत्व का प्रसार करना, प्रत्येक व्यक्ति का व्यवसाय के रूप में स्वच्छता की अवधारणा को सुदृढ़ करना, और राष्ट्रव्यापी भागीदारी के साथ स्वच्छ भारत दिवस (2 अक्टूबर) को मनाना इसका उद्देश है 

    स्वच्छता ही सेवा-2023 की थीम ' कचरा मुक्त भारत' है , जिसका फोकस दृश्य स्वच्छता और सफाई मित्रों के कल्याण पर है। पिछले वर्षों की तरह स्वच्छता गतिविधियों की भावना स्वैच्छिकता/श्रमदान है। इन स्वच्छता अभियानों का ध्यान बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, छावनी बोर्डों, समुद्र तटों, पर्यटक स्थलों, चिड़ियाघरों, राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों, ऐतिहासिक स्मारकों, विरासत स्थलों, नदी के किनारों, घाटों और नालों आदि जैसे अधिक लोगों की संख्या वाले सार्वजनिक स्थानों पर होगा। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में यह अभियान चलाया गया।

15 सितंबर, 2023 को स्वच्छता ही सेवा अभियान का शुभारंभ किया गया और इसमें निम्नलिखित गतिविधियां शामिल रही :-

  • माननीय जल शक्ति मंत्री और माननीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री द्वारा वर्चुअल लॉन्च
  • कुछ चुनिंदा लोगों के साथ आभासी बातचीत (संवाद)।
    • डीएम/डीसी
    • नगर आयुक्त

 15 सितंबर 2023 से 2 अक्टूबर 2023 तक स्वछता ही सवा आयोजित करने के लिए राज्यों/जिलों/ब्लॉकों के लिए प्रस्तावित गतिविधियाँ इस प्रकार हैं:-

  • सभी महत्वपूर्ण स्थानों से कचरा हटाना
  • क्षेत्र में कूड़ेदान, सार्वजनिक शौचालय, ढलाव, अपशिष्ट परिवहन वाहन, एमआरएफ आदि जैसी सभी स्वच्छता संपत्तियों की मरम्मत, पेंटिंग, सफाई और ब्रांडिंग;
  • नदी तटों को साफ़ करने और विशेषकर गंगा ग्रामों और गंगा कस्बों में जल निकायों से अपशिष्ट (प्लास्टिक सहित) हटाने के अभियान में सहायता करना;
  • कूड़े को रोकने के लिए संरक्षित क्षेत्रों में प्लास्टिक सामग्री के विनियमन के साथ-साथ MoEFCC के तहत चिड़ियाघरों, राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों आदि की सफाई;
  • पर्यटक स्थलों, एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारकों की सफाई अभियान के साथ-साथ एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए आईईसी पहल, हरा गीला सूखा नीला अभियान के अनुरूप सूखे और गीले कचरे के डिब्बे को संतृप्त करना आदि;
  • एकल उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) के विकल्पों को प्रोत्साहित करने वाले आईईसी अभियानों के साथ-साथ छावनी बोर्ड क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान;
  • स्कूलों में स्वच्छता अभियान और जागरूकता गतिविधियाँ शुरू की जा सकती हैं, जिसमें बच्चे स्रोत पर अपशिष्ट पृथक्करण, अपशिष्ट की यात्रा, अपशिष्ट से धन, एसयूपी के विकल्पों के महत्व को समझ सकें। जहां संभव हो स्कूलों/कॉलेजों में स्वच्छता क्लब बनाए जा सकते हैं;
  • 'हर पत्री साफ सूत्री' अभियान के तहत रेलवे पटरियों, रेलवे स्टेशनों, कॉलोनियों, अस्पतालों आदि सहित रेलवे के अंतर्गत आने वाली सभी संपत्तियों की सफाई; और
  • देश की स्वच्छता यात्रा को बढ़ावा देने वाले विशेष कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना।

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