आज दिनांक : 15 दिसंबर को केन्द्रीय विद्यालय औरंगाबाद छावनी में केन्द्रीय विद्यालय संगठन का स्थापना दिवस, 15 दिसंबर, बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर विद्यालय में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इस उत्सव की शुरुआत केन्द्रीय विद्यालय संगठन का ध्वज फहरा कर की गई। विद्यालय के छात्रों द्वारा विद्यालय गीत, 'भारत का स्वर्णिम गौरव केंद्रीय विद्यालय लायेगा' प्रस्तुत किया गया।
केन्द्रीय विद्यालय का नाम शिक्षकों के कठिन परिश्रम और छात्रों के बेहतर प्रदर्शन से आज प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों में शुमार है। आज देश में 1252 विद्यालय हैं और तीन विद्यालय विदेश में मास्को, तेहरान, काठमांडू में भी खुले हुए हैं, जिनमें 11 लाख छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जबकि लगभग 55 हजार अध्यापकों सहित कर्मचारी कार्यरत हैं।
आज ही के दिन विद्यालय के प्राथमिक विभाग में वरिष्ठ अभिभावक दिवस याने Grandparents'Day भी बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान विद्यालय के छात्रों द्वारा विविध रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया गया। दादा - दादी, नाना -नानी और बच्चों के रिश्तों के महत्व को दर्शाते अनेक कार्यक्रम बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्राचार्य श्री. अनिल यादव, उपप्राचार्य महोदया श्रीमती ममता रानी, प्रधानाध्यापक श्री प्रकाश वाघमारे और श्री. प्रकाश सिरसाठ द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके की गई।
विद्यालय के स्थापना दिवस और विद्यालय के लक्ष्यों को और ग्रैंड पेरेंट्स दिवस मनाने के उद्देश्यों को प्रस्तुत करते हुए प्रधानाचार्य श्री. प्रकाश वाघमारे जी ने अभिभावकों का स्वागत किया। विद्यार्थियों ने बच्चे और दादा दादी के बीच के रिश्तों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। विविध गीतों और नृत्यों के माध्यम से इस उत्सव को खास बनाया गया। वरिष्ठ अभिभावकों के लिए विविध खेलों का भी आयोजन किया गया। जिसमे प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले सभी अभिभावकों को उपयोगी पारितोषिक भी दिया गया।
कुछ वरिष्ठ अभिभावकों ने इस मौके पर अपने विचार भी प्रस्तुत किए । जिसमे उन्होंने बच्चों के अपने रिश्तों और विद्यालय के इस उपक्रम की सराहना की।
इस प्रोग्राम को सफल बनाने में विद्यालय के प्रथम एवम् द्वितीय पाली के सभी अध्यापकों और विद्यार्थियों ने अपना योगदान दिया। कार्यक्रम का संचलन प्रथम पाली से प्रद्युम्न और मानश्वी एवम् द्वितीय पाली से प्रिया और समृद्धि ने बड़ी बखूबी किया।
कुछ झलकियां:
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