हिंदी की अनदेखी को रोकने और देश में राजभाषा हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए हर साल 14 सिंतबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों में हिन्दी भाषा के प्रति जागरूकता लाना है।
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया था।
ये हिंदी भाषा ही है जो देश के सभी लोगों एकता के सूत्र में पिरोती है। देश को एक रखने में हिंदी का बहुत बड़ा योगदान है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था।
हिंदी पूरे विश्व में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी दिवस के अवसर पर देश भर में स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगता, कविता पाठ, नाटक, और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। इतना ही नहीं, सरकारी दफ्तरों में हिंदी पखवाड़े का आयोजन होता है।
हिंदी दिवस के अलावा, विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर में हिंदी भाषा को बढ़ावा देना था। विश्व हिंदी दिवस पहली बार 2006 में पूर्व प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा दुनिया भर में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया गया था।
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