स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार २०२१-२०२२


केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री श्री सुभाष सरकार ने आज वर्चुअल माध्यम के जरिए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार (एसवीपी) 2021-2022 की शुरुआत की। इस कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा और साक्षरता (एसईएल) विभाग की सचिव श्रीमती अनीता करवाल के साथ सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

श्री सरकार ने पुरस्कारों की शुरुआत करते हुए विद्यालयों में जल, स्वच्छता और स्वास्थ्यकारिता के महत्व को रेखांकित किया, क्योंकि ये छात्रों के स्वास्थ्य, उनकी उपस्थिति, विद्यालय छोड़ने की दर और सीखने के परिणामों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में जल, स्वच्छता और स्वास्थ्यकारिता सुविधाओं के प्रावधान एक विद्यालय के स्वस्थ वातावरण को सुनिश्चित करता है और बच्चों को रोगों (कोविड-19 सहित) और पढ़ाई के छूटने से बचाता है। 

श्री सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार उन विद्यालयों को मान्यता, प्रेरणा और पुरस्कार प्रदान करता है, जिन्होंने जल, स्वच्छता और स्वास्थ्यकारिता के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है। इसके अलावा भविष्य में आगे की सुधारों को लेकर अन्य विद्यालयों के लिए एक बेंचमार्क (मानदण्ड) और रोडमैप भी प्रदान करता है।

स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्वच्छता के बारे में आत्म-प्रेरणा और जागरूकता उत्पन्न करने के लिए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार (एसवीपी) को पहली बार 2016-17 में शुरू किया था।

इस साल राष्ट्रीय स्तर पर संपूर्ण श्रेणी के तहत पुरस्कारों के लिए 40 विद्यालयों का चयन किया जाएगा। वहीं, समग्र शिक्षा योजना के तहत विद्यालयों के लिए पुरस्कार की राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये प्रति विद्यालय कर दिया गया है। साथ ही, 20,000 रुपये प्रति विद्यालय की पुरस्कार राशि के साथ, पहली बार 6 उप-श्रेणीवार पुरस्कार भी शुरू किए गए हैं।

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